जन्मभूमि के ऋण से नहीं हो सकता कोई उतृण: योगी आदित्यनाथ

जन्मभूमि के ऋण से नहीं हो सकता कोई उतृण: योगी आदित्यनाथ

#-प्रदेश के मुखिया यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सिंह ने भरौली गांव में बाबू आर एन सिंह डायलिसिस सेंटर का फीता काटकर किया लोकार्पण

गोला गोरखपुर।बासगाँव संदेश। अशोक कुमार।जन्मभूमि स्वर्ग के समान होती है। उसके ऋण से कोई व्यक्ति उतृण  नहीं हो सकता है।बाबू आर एन सिंह ने अपने जीवनकाल में अपने जन्मभूमि का ऋण चुकाने के लिए अनेक शिक्षण संस्थान गरीबों के लिए पेन्शन जरूरतमंदो को सहायता और महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों की आवाज को बुलंद किया। उनके स्वर्ग वासी होने के बाद उनके पुत्र ने उनकी याद में डायलिसिस सेंटर बनाकर सच्ची श्रद्धांजलि दी है।उक्त बातें प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही। वे बुधवार को गोला ब्लाक के भरौली गांव में बाबू आर एन सिंह डायलिसिस सेंटर के लोकार्पण व उनकी प्रतिमा के अनावरण के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे। कहा कि धन तो बहुत लोग कमा लेते हैं लेकिन धन का उपयोग समाज हित में बहुत कम लोग करते हैं। वह सौभाग्यशाली व्यक्ति होता है जिसे अपनी जन्मभूमि पर कार्य करने का अवसर मिलता है। उन्होंने कहा कि दक्षिणांचल मुख्यतः बाढ़ का शिकार होने के कारण पिछड़ा क्षेत्र होता गया।जिसके कारण यहां के लोग सौ वर्ष पहले से ही गिरमिटिया मजदूर के रूप में विदेश और आजादी के देश के विभिन्न कोनों में जाते रहे लेकिन उन्होंने अपने पौरूष के बल पर अपना स्थान बनाया। मेरी सरकार इस पिछड़े क्षेत्र का बुलेट ट्रेन की स्पीड से विकास कर रही है। दक्षिणांचल को दो-दो हाइवे से जोड़ा जा रहा है। हम यहां बड़े-बड़े उद्योग लगाकर यहां के युवाओं को रोजगार देने का काम करेंगे। जिससे उन्हें देश के अन्य भागों व विदेश में मजदूर बनकर न जाना पड़े।हम सभी को अपनी धर्म संस्कृति व मातृभूमि के आन बान शान के लिए सदैव सचेत रहना चाहिए और इससे खिलवाड़ करने वाली शक्तियों को मुंहतोड़ जबाब देना चाहिए। चिल्लू पार विधायक राजेश त्रिपाठी ने कहा कि डायलिसिस सेंटर किडनी मरीजों के लिए बहुत अच्छा पहल है। मैं बाबू स्व आर एन सिंह को श्रद्धांजलि समर्पित करता हूं जो उनके नाम व सपने को उनके बेटे संतोष सिंह ने पूरा किया। और गीता सिंह चंदा सिंह नीतू सिंह सहित सपरिवार उनके जीवन को जीवंत कर रहे है।इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह विमलेश पासवान मदरिया मंदिर के उत्तराधिकारी श्रीश दास महराज  अस्मिता चंद देवेंद्र प्रताप चंद नित्यानंद मिश्र शत्रुघ्न कसौधन  रतन प्रकाश दुबे इंद्र बहादुर वर्मा अशोक वर्मा आलोक शुक्ला देवेश निषाद संतोष तिवारी महेश कुमार कमलेश पटेल अधिवक्ता गिरजेश शाही रामलखन राय हरकेश यादव श्रृंजय मिश्र चंदन पांडे अनिल भट्ट अखंड प्रताप शाही श्रीकांत सोनी नीरज दुबे डाॅ बृजभूषण  मिश्र अजय राजभर प्रवीण सिंह टीक्कु राय पप्पू रावत विशाल मझवार सहित शिक्षक शिक्षिकाएं वह छात्र-छात्राएं तथा गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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